The smart Trick of Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana That Nobody is Discussing



डर हमारे अंदर मौजूद एक अवरोधक गुण (कारक) है जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने या वह करने से रोकता हैं जो हम करना चाहते हैं। डर (भय) हमें मार्ग से भटकाने और बहाने बनाने के लिए मजबूर करता है। यह सीखना की डर को कैसे दूर करें, स्वयं को मानसिक रूप से स्वतंत्र करने का अहम कदम है

यद्यपि ध्यान-साधना के लिए प्रातःकाल का समय सबसे उपयुक्त होता है, फिर भी दिन में किसी भी समय, जब आपका पेट खाली हो, आप ध्यान कर सकते हैं। गहन ध्यान का अनुभव करने के लिए एक शांत स्थान का चयन करें।

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मन के अंदर होने वाली घबराहट को अक्सर डर कहा जाता है। हमारे जीवन में कई ऐसी बातें होती हैं जिनके बारे में सोचकर हम घबराने लगते हैं या फिर अंदर ही अंदर डर लगने लगता है। तो इस मानसिक डर का इलाज कैसे किया जाए तथा  “मन से डर को कैसे निकालें?”

अपने डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप देखें और जानें कि आपको सबसे ज्यादा डर किस सिचुएशन में लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप मकड़ियों से डरते हैं, तो बिना डरे लगातार उनकी तरफ देखें। अगली बार, आप इसे छूने की कोशिश कर सकते हैं और फिर आखिर में, इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। एक बार जब आप इन सभी स्टेज को पूरा कर लेंगे तो आपके लिए यह संभव है कि आप उन सभी चीजों से दूर हो जाएं जिनसे आप डरते हैं।

डर को कैसे दूर करे

जैसे: यदि आपका डर कमिटमेंट को लेकर है, तो अपने साथी के साथ खुशी-खुशी रहते हुए अपनी कल्पना करें।

जैसे – “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ शांतिः शांतिः शांतिः”

डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं

हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप किसी विषय पर हमसे कु छ पूछना चाहते हैं तो हमें आपके सवालों के जवाब देने में खुशी होगी। आप हमें अपने सवाल कमेंट बॉक्स में लिख सकती हैं।

तो अपने दिल से किसी भी प्रकार के डर को भगाने के लिए खुद को मजबूत बनाना होगा.

हम जानते हैं कि बच्चों को किसी चीज से डर नहीं लगता, क्योंकि उन्होंने पहले कभी उसे अनुभव नहीं किया होता है। हम जैसे-जैसे बड़े होते हैं, अनुभव लेते हैं तो उन अनुभवों के आधार पर हम click here डर तय करते हैं। योग और ध्यान साधना ही मन के अंदर व्याप्त डर को दूर करने का मंत्र है। 

एक बात समझ लीजिये की ज़िन्दगी भगवान् ने दी है तो सबका भविष्य भी उन्ही का तय किया हुआ है.

आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।

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